आम बच्चों की तरह 13 साल की अनामता को भी पढ़ाई के अलावा दोस्तों के साथ समय बिताना और मस्ती करना पसंद था। मुंबई के गोरेगांव में रहने वालीं अनामता 2022 में अपने पिता के साथ अपनी आंटी के घर अलीगढ़ गई थीं। वो 30 अक्टूबर का दिन था जब वह अपने कज़िन भाई-बहनों के साथ छत पर खेल रही थीं, कि तभी उन्हें हाई टेंशन तार से ज़ोर का करंट लगा। उस हादसे ने 9वीं क्लास में पढ़ने वाले अनामता की ज़िंदगी बदल दी। उनका शरीर काफ़ी जल गया था। घरवाले उन्हें तुरंत मुंबई के नेशनल बर्न्स सेंटर लेकर आए और उनका इलाज शुरू हुआ।
3 नवंबर के दिन डॉक्टरों को उनका सीधा हाथ काटना पड़ा और बायां हाथ भी केवल 20 फीसदी ही काम करने की हालत में था। 50 दिनों तक वह बिस्तर से उठ नहीं पाईं; कई समस्याएं आईं लेकिन अनामता का हौसला तब भी टूटा नहीं! बड़ी हिम्मत के साथ उन्होंने वापस अपनी ज़िंदगी को पटरी पर लाना शुरू किया।
अंधेरी के सिटी इंटरनेशनल स्कूल में पढ़ने वालीं अनामता अहमद ने शारीरिक और मानसिक पीड़ा को झेलते हुए वापस स्कूल जाना शुरू किया, पढ़ाई शुरू की और धीरे-धीरे उलटे हाथ से लिखने की प्रैक्टिस करने लगीं। इसमें उन्हें महीने लगे लेकिन स्कूल और माता-पिता ने उनका मनोबल बनाए रखा।
6 मई 2024 को CICSE ने अपना रिजल्ट घोषित किया जिसमें अनामता ने बड़ी उपलब्धि हासिल की। 10th बोर्ड एग्जाम में उनके 92% मार्क्स आए थे; उनके परिवार में जैसे दोबारा से ख़ुशी लौट आई। हिंदी में सबसे ज़्यादा 98% लाकर उन्होंने अपने स्कूल का भी नाम ऊंचा कर दिया।