Journalist turned Wildlife Activist Fighting for Snake Conservation

सांपों के प्रति लोगों में अक्सर डर और गलत धारणाएँ होती हैं। हमें यही सिखाया गया है कि सांप खतरनाक होते हैं और हमें उनसे दूर रहना चाहिए। लेकिन, यह सच नहीं है। वास्तव में, सांप भी प्रकृति का एक अहम हिस्सा हैं और उन्हें संरक्षण की आवश्यकता है। इसी दिशा में काम कर रहे हैं बिप्लब महापात्रा, जिन्होंने पत्रकारिता छोड़कर सांपों और वन्यजीवों के संरक्षण के प्रति अपने जीवन की राह बदली है। बिप्लब मानते हैं कि हर जीवित प्राणी को जीने का अधिकार है और वे सांप संरक्षण में पूरी तरह समर्पित हैं।
कौन है बिप्लब महापात्रा?

बिप्लब महापात्रा एक पूर्व पत्रकार हैं, जिन्होंने सांपों और अन्य वन्यजीवों के संरक्षण के लिए अपना करियर बदल लिया। अपने बचपन से ही उन्हें जानवरों के प्रति लगाव था और पत्रकारिता में होने के बावजूद वे वन्यजीवों के लिए सक्रिय रूप से काम करते रहे। उन्होंने पीपल फॉर एनिमल्स (अंगुल यूनिट) की स्थापना की, जहाँ वे बीमार और घायल पशुओं का बचाव और पुनर्वास करते हैं। उनका मानना है कि पर्यावरण का संतुलन बनाए रखने के लिए सभी जीवों का संरक्षण करना बेहद जरूरी है।
सांप बचाने का पहला अनुभव और प्रेरणा

साल 2011 में एक गाँव में एक विशालकाय अजगर को मारने की कोशिश की जा रही थी। बिप्लब को यह बात पता चली और वे तुरंत वहाँ पहुंचे। कई घंटे तक लोगों को समझने के बाद वे गाँववालों को इस बात पर सहमत कर सके कि उस अजगर को मारा न जाए। इस घटना ने बिप्लब के मन में सांपों के प्रति गहरी सहानुभूति उत्पन्न की और उन्होंने अपना करियर छोड़कर वन्यजीव संरक्षण में पूर्णकालिक रूप से काम करने का फैसला किया।
पीपल फॉर एनिमल्स – अंगुल यूनिट की स्थापना

बिप्लब ने 2012 में ‘पीपल फॉर एनिमल्स’ की अंगुल यूनिट की स्थापना की। इसका मुख्य उद्देश्य वन्यजीवों का बचाव, पुनर्वास और संरक्षण करना है, विशेषकर सांपों का। उन्होंने ग्रामीण इलाकों में लोगों को सांपों के प्रति जागरूक करने और उन्हें संरक्षण के महत्व के बारे में समझाने का बीड़ा उठाया है। बिप्लब और उनकी टीम घायल और बीमार पशुओं के लिए शेल्टर और चिकित्सा शिविर आयोजित करती है। इस काम में कई बार उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी।
जागरूकता अभियान और स्कूलों में कार्यक्रम

बिप्लब ने ‘मिशन 1000 स्कूल्स’ नामक एक विशेष कार्यक्रम शुरू किया है, जिसमें वे बच्चों को सांपों के प्रति जागरूक बनाते हैं और उन्हें सांप काटने से बचाव के उपाय सिखाते हैं। वे स्कूलों, पंचायतों और वन विभाग के सहयोग से लोगों में सांपों के प्रति मिथकों को दूर करने का प्रयास करते हैं। बिप्लब का मानना है कि सांप काटने के मामलों में लोगों की मृत्यु का एक बड़ा कारण जागरूकता की कमी और सांपों के प्रति भय है। उनके इस अभियान के माध्यम से कई लोगों की जान बचाई जा रही है और सांपों को बिना मारे सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।
Limca Book of Records

महापात्रा और उनकी टीम ने 2011 से 2018 तक सात वर्षों में 19,555 जानवरों को बचाने और उनमें से 19,500 का सफलतापूर्वक पुनर्वास करने के लिए लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में जगह बनाई। 50 लोगों के समर्थन से, पीएफए की अंगुल इकाई ने बड़े पैमाने पर सांपों (17,500) को बचाया। लेकिन मॉनिटर छिपकली (840), मवेशी (705), भारतीय गिरगिट (150), कछुए (115) और विभिन्न प्रकार के पक्षी (86)।
निष्कर्ष

बिप्लब महापात्रा की कहानी हमें यह सिखाती है कि हर जीवन का मूल्य होता है और हमें किसी भी जीव के प्रति नफरत या डर के बजाय उन्हें समझने और सुरक्षित करने की कोशिश करनी चाहिए। बिप्लब का समर्पण और उनके कार्य वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में एक नई दिशा प्रदान करते हैं। उनके इस मिशन का उद्देश्य न केवल सांपों की जान बचाना है बल्कि पर्यावरण को संतुलित बनाए रखना भी है।
FAQs
बिप्लब महापात्रा कौन हैं और उनका कार्य क्या है?
बिप्लब महापात्रा एक पूर्व पत्रकार और वन्यजीव संरक्षणकर्ता हैं, जिन्होंने सांपों और अन्य वन्यजीवों के बचाव के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया है।
सांपों के प्रति लोगों में डर क्यों होता है?
सांपों के प्रति लोगों में डर का मुख्य कारण जानकारी की कमी और उनके प्रति गढ़े गए मिथक हैं।
सांप के काटने से कैसे बच सकते हैं?
सांप के काटने पर शांत रहें और जल्दी से अस्पताल पहुंचें। सरकार के अस्पतालों में मुफ्त एंटी-वेनम उपलब्ध है।
पीपल फॉर एनिमल्स का उद्देश्य क्या है?
इस संगठन का उद्देश्य वन्यजीवों का संरक्षण करना और लोगों को उनके प्रति जागरूक बनाना है।
सांपों के संरक्षण में हम कैसे मदद कर सकते हैं?
हम सांपों के प्रति जागरूकता फैलाकर और उन्हें मारने के बजाय सुरक्षित स्थानों पर भेजने में मदद करके उनका संरक्षण कर सकते हैं।