दिल्ली की नई मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता (Rekha Gupta) ने एक बड़ा कदम उठाते हुए पूर्ववर्ती सरकार (previous government) द्वारा कब्जा किए गए सीएमओ दिल्ली (CMO Delhi) के ऑफिशियल सोशल मीडिया हैंडल (official social media handle) को वापस ले लिया है। यह हैंडल अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) द्वारा निजीकृत (privatized) कर दिया गया था, जिसे अब सरकारी नियंत्रण (government control) में लाया गया है। यह घटना न सिर्फ डिजिटल लूट (digital loot) की ओर इशारा करती है, बल्कि यह सरकारी संपत्ति (government property) के दुरुपयोग (misuse) का भी उदाहरण है।
सीएमओ दिल्ली का हैंडल वापस लेना: पूरी कहानी
13 मार्च को, होलिका दहन (Holika Dahan) की रात, दिल्ली सरकार ने एक ट्वीट (tweet) के जरिए घोषणा की कि सीएमओ दिल्ली का ऑफिशियल हैंडल (official handle) अब मुख्यमंत्री कार्यालय (Chief Minister’s Office) के नियंत्रण में है। यह हैंडल पहले अरविंद केजरीवाल द्वारा “केजरीवाल एट वर्क” (Kejriwal At Work) के नाम से इस्तेमाल किया जा रहा था, जिसे अब वापस सरकारी नियंत्रण में ले लिया गया है।
क्या था विवाद?
- केजरीवाल ने सीएमओ दिल्ली के ऑफिशियल हैंडल का नाम बदलकर “केजरीवाल एट वर्क” कर दिया था।
- इस हैंडल को निजी पोस्ट (private posts) के लिए इस्तेमाल किया जाने लगा, जो सरकारी नियमों (government rules) के खिलाफ था।
- जब विवाद बढ़ा, तो केजरीवाल ने पूरा अकाउंट (account) ही डिलीट (delete) कर दिया।
रेखा गुप्ता का बड़ा कदम
दिल्ली की नई मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इस मामले को गंभीरता से लिया और एक्स (पूर्व में ट्विटर) को इस हैंडल को वापस लाने के लिए कहा। महीने भर की कड़ी मेहनत के बाद, यह हैंडल अब सरकारी नियंत्रण में आ गया है। यह कदम न सिर्फ सरकारी संपत्ति की सुरक्षा (protection of government property) के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह डिजिटल लूट (digital loot) के खिलाफ एक बड़ा संदेश (message) भी है।
डिजिटल लूट का मामला
भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने इस मामले को “डिजिटल लूट” (digital loot) का नाम दिया है। पार्टी के अनुसार, केजरीवाल ने सरकारी संसाधनों (government resources) का गलत इस्तेमाल (misuse) किया और उन्हें निजी लाभ (personal gain) के लिए इस्तेमाल किया। यह मामला न सिर्फ सरकारी नियमों (government rules) का उल्लंघन (violation) है, बल्कि यह जनता के विश्वास (public trust) के साथ खिलवाड़ (betrayal) भी है।
सीएमओ दिल्ली हैंडल का इतिहास
सीएमओ दिल्ली का यह हैंडल 2020 में बनाया गया था, ताकि लोगों को सरकारी योजनाओं (government schemes) और सेवाओं (services) के बारे में जानकारी (information) मिल सके। यह हैंडल दिल्ली के मुख्यमंत्री (Chief Minister of Delhi) के लिए बनाया गया था, न कि किसी व्यक्ति (individual) के लिए। केजरीवाल ने इस हैंडल का नाम बदलकर इसे निजी (private) बना दिया, जो सरकारी नियमों के खिलाफ था।