हाल के वर्षों में, भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतें उपभोक्ताओं के लिए एक बड़ी चिंता का विषय रही हैं। 7 अप्रैल, 2025 को, दिल्ली में पेट्रोल की कीमत ₹94.77 प्रति लीटर है, जो कई लोगों के लिए बोझिल है। सवाल यह है कि क्या सरकार इन कीमतों को कम कर सकती है, और अगर हां, तो क्यों नहीं कर रही? इस विस्तृत विश्लेषण में, हम कीमतों के घटकों, सरकार के राजस्व, और संभावित समाधानों पर गहराई से नजर डालेंगे।
कीमतों का विस्तृत विश्लेषण
पेट्रोल की कीमत कई तत्वों से बनी है, जिनमें कच्चा तेल की लागत, रिफाइनिंग खर्च, और कर शामिल हैं। दिल्ली के लिए, हमने निम्नलिखित विस्तृत ब्रेकडाउन पाया:
घटक | राशि (रुपये प्रति लीटर) |
---|---|
डीलरों को मूल्य | 55.62 |
केंद्रीय उत्पाद शुल्क | 19.90 |
डीलर कमीशन | 3.85 |
VAT (19.40% पर) | 15.40 |
कुल कीमत | 94.77 |
यहां, डीलरों को मूल्य में कच्चे तेल की लागत (लगभग ₹37.64 प्रति लीटर, $70 प्रति बैरल पर आधारित, विनिमय दर ₹85.50 प्रति USD) और रिफाइनिंग लागत (लगभग ₹8) शामिल है। उत्पाद शुल्क केंद्र सरकार द्वारा लगाया जाता है, और VAT राज्य सरकार द्वारा, जो दिल्ली में 19.40% है (Godigit – Petrol Tax in Delhi).
करों का हिस्सा (₹19.90 + ₹15.40 = ₹35.30) कुल कीमत का 37% है, जो दिखाता है कि करों का बोझ कितना भारी है।
डीजल के लिए, ब्रेकडाउन इस प्रकार है:
घटक | राशि (रुपये प्रति लीटर) |
---|---|
डीलरों को मूल्य | 56.79 |
केंद्रीय उत्पाद शुल्क | 15.80 |
डीलर कमीशन | 2.50 |
VAT (16.75% पर) | 12.58 |
कुल कीमत | 87.67 |
यहां, VAT 16.75% है, जो ₹12.58 प्रति लीटर बैठता है (Razorpay – GST on Petrol and Diesel).
सरकार का राजस्व और इसकी महत्वता
पेट्रोल और डीजल पर कर सरकार के लिए एक महत्वपूर्ण राजस्व स्रोत हैं। वित्तीय वर्ष 2024 में, केंद्र सरकार ने पेट्रोलियम उत्पादों से उत्पाद शुल्क से ₹2.73 लाख करोड़ की आय हुई (Business Standard – Excise duty collections from petroleum sector). यह राशि विकास परियोजनाओं, कल्याण योजनाओं, और वित्तीय घाटे को प्रबंधित करने में मदद करती है। इसके अलावा, राज्य सरकारें VAT से भी भारी राजस्व कमाती हैं, जो उनके बजट का एक बड़ा हिस्सा हो सकता है।
उदाहरण के लिए, दिल्ली में, यदि दैनिक पेट्रोल खपत 10 लाख लीटर है, तो केवल VAT से रोजाना ₹1.54 करोड़ रुपये (₹15.40 * 10 लाख) की आय हो सकती है, जो सालाना ₹562 करोड़ रुपये से अधिक है। यह राजस्व राज्य के लिए महत्वपूर्ण है, और इसे कम करना आसान नहीं है।
कीमतें कम करने की संभावना और चुनौतियां
सरकार कीमतें कम करने के लिए कई कदम उठा सकती है, जैसे:
- उत्पाद शुल्क में कटौती: यदि उत्पाद शुल्क ₹19.90 से ₹10 रुपये प्रति लीटर हो जाए, तो कीमत ₹5-6 रुपये प्रति लीटर कम हो सकती है, लेकिन इससे सरकार का राजस्व ₹1 लाख करोड़ से अधिक कम हो सकता है।
- VAT में कमी: राज्य सरकारों को VAT कम करने के लिए मनाना होगा, लेकिन इससे राज्यों का राजस्व प्रभावित होगा। उदाहरण के लिए, दिल्ली में VAT 19.40% से 10% करने से कीमत ₹5-6 रुपये कम हो सकती है, लेकिन राजस्व में भारी कमी आएगी।
- सब्सिडी देना: सरकार तेल कंपनियों को सब्सिडी दे सकती है, लेकिन यह बजट पर बोझ डालेगा, खासकर जब कच्चे तेल की कीमतें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अस्थिर हों।
इन सभी विकल्पों में, मुख्य चुनौती राजस्व का नुकसान है। उदाहरण के लिए, यदि सरकार उत्पाद शुल्क कम करती है, तो उसे अन्य करों को बढ़ाना पड़ सकता है या खर्चों में कटौती करनी होगी, जो राजनीतिक और आर्थिक रूप से जटिल है।
वैकल्पिक समाधान: GST के तहत लाना
एक दीर्घकालिक समाधान ईंधन को GST के तहत लाना हो सकता है, जहां अधिकतम कर दर 28% है। वर्तमान में, ईंधन GST के बाहर है, और करों का बोझ 50-60% तक हो सकता है। GST के तहत, कीमतें काफी कम हो सकती हैं, लेकिन यह राज्यों के लिए राजस्व हानि का कारण बनेगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जून 2024 में 53वें GST परिषद की बैठक में इसकी वकालत की थी, लेकिन राज्यों की सहमति की जरूरत है (Razorpay – GST on Petrol and Diesel in 2025). कई राज्य, खासकर जो VAT से भारी राजस्व कमाते हैं, इसका विरोध कर सकते हैं।
निष्कर्ष और विशेषज्ञ राय
निष्कर्ष में, यह संभावना है कि सरकार पेट्रोल और डीजल की कीमतें कम कर सकती है, लेकिन यह उसके राजस्व और वित्तीय स्थिरता पर असर डालेगा। उद्योग निकाय जैसे CII ने बजट 2025-26 में उत्पाद शुल्क में कटौती की सिफारिश की है, ताकि मुद्रास्फीति को नियंत्रित किया जा सके (HT Auto – CII calls for excise duty reduction). हालांकि, सरकार के लिए यह एक संतुलन बनाना मुश्किल है, क्योंकि राजस्व विकास और उपभोक्ता राहत के बीच तालमेल बिठाना जरूरी है।
जब तक नीति में बड़ा परिवर्तन नहीं होता, जैसे ईंधन को GST के तहत लाना, कीमतें उच्च रहने की संभावना है। उपभोक्ताओं के लिए, यह एक निराशाजनक स्थिति है, लेकिन सरकार के लिए यह एक जटिल आर्थिक निर्णय है।
Key Citations
- NDTV – Petrol Price in Delhi State
- Business Today – Petrol Price in Delhi Today
- IndiaToday – Petrol Price in Delhi Today
- Goodreturns – Petrol Price in New Delhi
- Bankbazaar – Petrol Price in Delhi
- Hindustan Times – Petrol Price in New-delhi
- CarDekho – Petrol Price in India Today
- Business Today – Diesel Price in Delhi Today
- Acko – Diesel Price in New delhi Today
- Godigit – Petrol Tax in Delhi
- ClearTax – Petrol and Diesel Tax
- Razorpay – GST on Petrol and Diesel
- Bankbazaar – Excise Duty on Petrol and Diesel
- Business Standard – Excise duty collections from petroleum sector
- HT Auto – CII calls for excise duty reduction