90 साल की उम्र में भी 10 घंटे आइसक्रीम बेचते हैं ‘Bhagat Singh IceCream Wala’, जिनका स्वाद लालू-मोदी भी चख चुके हैं!

Introduction: Bhagat Singh IceCream Wala

पटना की सड़कों पर एक ऐसा चेहरा है, जो न केवल आइसक्रीम बेचता है, बल्कि शहीद-ए-आजम भगत सिंह की कहानियों को भी जीवित करता है। रामावतार तिवारी, जिन्हें ‘भगत सिंह आइसक्रीम वाला’ के नाम से जाना जाता है, अपनी विशेष शैली और देशभक्ति के जज़्बे से हर दिल में एक खास जगह बना चुके हैं।

Bhagat Singh IceCream Wala

शुरुआती जीवन

रामावतार तिवारी का जन्म एक साधारण परिवार में हुआ था। उनके परिवार में सीमित साधन होने के बावजूद, उन्होंने हमेशा शिक्षा और समाज सेवा को महत्व दिया। बचपन से ही उन्हें भगत सिंह की कहानियों में गहरी रुचि थी। उनके जीवन के संघर्ष और बलिदान ने उन्हें प्रेरित किया। और देश की जनता के हित में अनेक कार्य किए है 

आइसक्रीम की दुकान की शुरुआत 

आर्थिक स्थिति के चलते तिवारी को नौकरी की तलाश में भटकना पड़ा। आखिरकार, उन्होंने आइसक्रीम बेचने का फैसला किया। उन्होंने अपनी दुकान को न केवल एक व्यवसाय, बल्कि एक प्लेटफार्म बनाया, जहां वे भगत सिंह की कहानियों को साझा कर सकते थे। वे आइसक्रीम बेचकर भगत सिंह की कहानियॉ को प्रभावित करते थे 

Bhagat Singh IceCream Wala

भगत सिंह की कहानियों का प्रचार 

रामावतार तिवारी अपने ग्राहकों को सिर्फ आइसक्रीम ही नहीं, बल्कि देशभक्ति की कहानियाँ भी सुनाते हैं। वे भगत सिंह के जीवन, उनके विचारों और उनके बलिदान के बारे में चर्चा करते हैं। उनकी कहानी सुनते-सुनते लोग उनकी आइसक्रीम का स्वाद लेते हैं, जो उनकी कला का एक अनूठा उदाहरण है। और काफी लोग उनकी तारीफ करते थे रामावतार सिंह भगत सिंह के नाम से प्रसिद्ध हो गए थे 

प्रसिद्धि और प्रशंसा

तिवारी की दुकान पर लोगों की भीड़ लगी रहती है। आम आदमी से लेकर राजनीतिक हस्तियों जैसे लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार भी उनके मुरीद हैं। उनकी कहानियों ने उन्हें एक पहचान दिलाई है। हर कोई उनके साथ फोटो खिंचवाने और उनकी बातें सुनने के लिए बेताब रहता है। पूरे पटना के लोग दूर दूर से आते थे आइसक्रीम खाने भगत सिंह के बलिदान के किस्से सुनते थे 

Bhagat Singh IceCream Wala

समाज में योगदान

रामावतार तिवारी ने अपनी दुकान के माध्यम से समाज को एक नया दृष्टिकोण दिया है। वे युवाओं को प्रेरित करते हैं कि वे भगत सिंह जैसे महान व्यक्तित्व से सीखें और अपने देश के प्रति जिम्मेदारी निभाएं। उनकी दुकान एक ऐसा स्थल बन गई है, जहां लोग अपने विचारों और भावनाओं को साझा करते हैं। और वे गरीब जनता के हित में अनेक कार्य करे थे उन्होंने गरीबो की काफी सहायता की थी

चुनौतियाँ और संघर्ष

हालांकि तिवारी की यात्रा आसान नहीं रही है। उन्होंने कई आर्थिक और सामाजिक चुनौतियों का सामना किया। लेकिन उनके प्रति उनके ग्राहकों का प्यार और आस्था ने उन्हें कभी हार नहीं मानने दिया। वे हमेशा कहते हैं, “जब तक मैं यहाँ हूं, भगत सिंह की कहानी जिंदा रहेगी।” वे काफी कठिनाइयों के बावजूद भी उन्होंने हार नहीं मानी और जीत गए 

भविष्य की योजनाएँ

तिवारी का सपना है कि वे अपनी दुकान को एक शैक्षणिक केंद्र में बदलें, जहां युवा न केवल आइसक्रीम का आनंद ले सकें, बल्कि देशभक्ति की कहानियाँ भी सीख सकें। वे भविष्य में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करने की योजना बना रहे हैं, जहां लोग भाग लेकर अपने विचार साझा कर सकें। वे बहुत योजनाये बनायीं थी

निष्कर्ष

रामावतार तिवारी, ‘भगत सिंह आइसक्रीम वाला’, न केवल आइसक्रीम बेचने वाले हैं, बल्कि एक प्रेरक व्यक्तित्व भी हैं। उनकी अनोखी शैली ने उन्हें एक अलग पहचान दिलाई है। वे अपने ग्राहक को ठंडक देने के साथ-साथ देशभक्ति का जज़्बा भी भरते हैं। पटना की सड़कों पर उनका योगदान अविस्मरणीय है, और वे आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणा बने रहेंगे। आज देश के सभी लोग दूर दूर से भगत सिंह आइसक्रीम वाले के नाम से पुरे पटना में प्रसिद्ध है