From Failure to Success: How Akanksha Singh Cracked UPSC with AIR 44 in Her 5th Attempt

UPSC की तैयारी करने वाले हर छात्र का सपना होता है कि वह इस कठिन परीक्षा को पास करके IAS अधिकारी बने। लेकिन लाखों उम्मीदवारों में से सिर्फ कुछ ही यह सपना पूरा कर पाते हैं। आज हम आपको एक ऐसी ही प्रेरणादायक कहानी सुनाने जा रहे हैं, जो साबित करती है कि अगर आप हार नहीं मानते, तो सफलता जरूर मिलती है। यह कहानी है आकांक्षा सिंह की, जिन्होंने चार बार UPSC प्रीलिम्स में असफलता का सामना किया, लेकिन पांचवें प्रयास में 44वीं रैंक हासिल करके IAS अधिकारी बन गईं।

चार बार असफलता, लेकिन हार नहीं मानी

आकांक्षा सिंह ने UPSC प्रीलिम्स परीक्षा में चार बार असफलता का सामना किया। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और अपने पांचवें प्रयास में कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प के दम पर 44वीं रैंक हासिल की। उनकी यह सफलता उन सभी छात्रों के लिए प्रेरणा है, जो असफलता के डर से हार मान लेते हैं।

नौकरी और पढ़ाई का बैलेंस

आकांक्षा रांची के एसएस मेमोरियल कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में काम करती थीं। उनका अधिकांश दिन कॉलेज में बीतता था, जिससे UPSC की तैयारी के लिए समय सीमित था। लेकिन उन्होंने सुबह चार घंटे और कॉलेज से लौटने के बाद चार घंटे पढ़ाई करके इस चुनौती का सामना किया। उनकी यह अनुशासित दिनचर्या उनकी सफलता का मुख्य कारण बनी।

प्रीलिम्स पर विशेष ध्यान

आकांक्षा बताती हैं कि उन्होंने प्रीलिम्स पर विशेष ध्यान दिया। उनका मानना था कि अगर वह प्रीलिम्स पास कर लेंगी, तो मेन्स और इंटरव्यू में सफलता मिल जाएगी। इसलिए उन्होंने प्रीलिम्स की तैयारी के लिए कई मॉक टेस्ट दिए और अपनी गलतियों का सावधानीपूर्वक विश्लेषण किया। उनका वैकल्पिक विषय भूगोल था, जिसे वह प्रोफेसर के रूप में भी पढ़ाती थीं, जिससे उन्हें काफी फायदा हुआ।

पिता से मिली प्रेरणा

आकांक्षा अपने प्रशासनिक सेवा में जाने की प्रेरणा अपने पिता, चंद्र कुमार सिंह को देती हैं, जो सेवानिवृत्त होने से पहले झारखंड के कल्याण विभाग में संयुक्त सचिव के पद पर कार्यरत थे। उनके पिता ने हमेशा उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया और उनकी सफलता में अहम भूमिका निभाई।

आकांक्षा की एजुकेशनल बैकग्राउंड

आकांक्षा ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा जमशेदपुर के राजेंद्र विद्यालय से पूरी की। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के मिरांडा कॉलेज से स्नातक की डिग्री प्राप्त की और बाद में जेएनयू से पोस्ट ग्रेजुएशन और एमफिल की डिग्री हासिल की। उनकी शिक्षा ने उन्हें UPSC की तैयारी में काफी मदद की।

आकांक्षा की सक्सेस मंत्रा

  1. असफलता से न डरें: आकांक्षा का मानना है कि असफलता सफलता की सीढ़ी है। उन्होंने चार बार असफलता का सामना किया, लेकिन हार नहीं मानी।
  2. टाइम मैनेजमेंट: नौकरी और पढ़ाई के बीच बैलेंस बनाना बहुत जरूरी है। आकांक्षा ने रोजाना 8 घंटे पढ़ाई करके यह संतुलन बनाया।
  3. मॉक टेस्ट और रिवीजन: मॉक टेस्ट देकर अपनी तैयारी को जांचें और नियमित रिवीजन करते रहें।

UPSC की तैयारी के लिए बेस्ट बुक्स और कोर्सेज

अगर आप भी UPSC की तैयारी कर रहे हैं, तो यहां कुछ बेस्ट बुक्स और कोर्सेज के लिंक दिए गए हैं, जो आपकी तैयारी में मदद कर सकते हैं:


Conclusion
आकांक्षा सिंह की कहानी साबित करती है कि अगर आप मेहनत और लगन से अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते हैं, तो सफलता जरूर मिलती है। उनकी यह सफलता उन सभी छात्रों के लिए प्रेरणा है, जो असफलता के डर से हार मान लेते हैं। अगर आप भी UPSC की तैयारी कर रहे हैं, तो आकांक्षा की तरह हार न मानें और अपने सपनों को पूरा करें।

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