JEE Main में 300/300! ओमप्रकाश की सफलता के पीछे मां-बाप का बलिदान और संघर्ष. JEE Main Topper

JEE Main 2025 के पहले सत्र के रिजल्ट (results) ने ओडिशा के भुवनेश्वर के ओमप्रकाश बेहरा को सुर्खियों में ला दिया। ओमप्रकाश ने 300 में से 300 पूरे अंक हासिल करके न सिर्फ टॉप किया, बल्कि लाखों स्टूडेंट्स (students) के लिए एक मिसाल कायम की। उनकी यह सफलता उनकी मेहनत, अनुशासन और उनके माता-पिता के त्याग की कहानी बयां करती है।

ओमप्रकाश की सफलता का राज

ओमप्रकाश ने अपनी सफलता का श्रेय अपनी नियमित पढ़ाई और आत्मविश्वास (self-confidence) को दिया। उन्होंने बताया कि हर मॉक टेस्ट (mock test) के बाद वह अपनी गलतियों को समझते थे और उन्हें सुधारने पर फोकस (focus) करते थे। उनका कहना है, “डिजिटल डिस्ट्रैक्शन (digital distractions) से दूर रहकर पढ़ाई पर ध्यान देना बहुत जरूरी है।” अब उनका लक्ष्य JEE एडवांस्ड (JEE Advanced) क्लियर करके आईआईटी मुंबई (IIT Mumbai) से कंप्यूटर साइंस (Computer Science) में बीटेक (BTech) करना है।

मां ने नौकरी छोड़ी, बेटे के लिए बन गईं गाइड

ओमप्रकाश की सफलता के पीछे उनकी मां स्मिता रानी बेहरा का बड़ा योगदान है। स्मिता एक कॉलेज लेक्चरर (college lecturer) थीं, लेकिन अपने बेटे की पढ़ाई के लिए उन्होंने तीन साल पहले अपनी नौकरी छोड़ दी और कोटा में उनके साथ रहने लगीं। उनके पिता कमलकांत बेहरा ओडिशा प्रशासनिक सेवा (Odisha Administrative Service) में कार्यरत हैं। परिवार के इस सपोर्ट (support) और मां की देखरेख ने ओमप्रकाश को यह मुकाम हासिल करने में मदद की।

NTA स्कोर कैसे कैलकुलेट होता है?

JEE Main परीक्षा अलग-अलग शिफ्ट्स (shifts) में आयोजित की जाती है, जिसकी वजह से पेपर का डिफिकल्टी लेवल (difficulty level) अलग हो सकता है। इस स्थिति में NTA (नेशनल टेस्टिंग एजेंसी) एक पर्सेंटाइल फॉर्मूला (percentile formula) अपनाती है। इसमें जिस स्टूडेंट का रॉ स्कोर (raw score) निकाला जाता है, उससे कम या बराबर अंक प्राप्त करने वाले स्टूडेंट्स की संख्या को 100 से गुणा किया जाता है और कुल परीक्षार्थियों की संख्या से भाग दिया जाता है। इस तरह 7 डेसिमल (decimal) तक पर्सेंटाइल निकाला जाता है।

JEE एडवांस्ड की तैयारी के लिए टिप्स

एक्सपर्ट्स (experts) के मुताबिक, जिन स्टूडेंट्स ने 99.5 पर्सेंटाइल से अधिक स्कोर किया है, उन्हें JEE एडवांस्ड की तैयारी पर फोकस करना चाहिए। वहीं, 98.5 से 99.5 पर्सेंटाइल वाले स्टूडेंट्स को अपनी तैयारी का आकलन (assessment) करके आगे का प्लान (plan) बनाना चाहिए। जिन स्टूडेंट्स का स्कोर 98.5 पर्सेंटाइल से कम है, उन्हें अप्रैल सेशन (April session) के लिए मेहनत जारी रखनी चाहिए।

JEE एडवांस्ड: आखिरी मौका

जनवरी सेशन (January session) में अपेक्षित स्कोर न पाने वाले स्टूडेंट्स के लिए अप्रैल सेशन आखिरी मौका होगा। यह JEE एडवांस्ड के लिए क्वालिफाई (qualify) करने का अंतिम चांस (chance) है। विद्यार्थियों को अपनी गलतियों से सीखते हुए अगले चरण की तैयारी शुरू कर देनी चाहिए।

ओमप्रकाश से सीख

ओमप्रकाश बेहरा की सफलता हर उस स्टूडेंट के लिए प्रेरणा (inspiration) है जो JEE Main और JEE एडवांस्ड की तैयारी कर रहा है। उनकी कहानी साबित करती है कि मेहनत, अनुशासन और परिवार का सपोर्ट किसी भी मुकाम को हासिल करने के लिए काफी है।