मरकर भी जिंदा रहेगी बाड़मेर की यह महिला, चार लोगों को देंगी एक नई जिंदगी

राजस्थान के बाड़मेर (Barmer, Rajasthan) से एक ऐसी प्रेरणादायक (inspiring) कहानी सामने आई है, जो न सिर्फ मानवता (humanity) की मिसाल है, बल्कि अंगदान (organ donation) के महत्व को भी रेखांकित करती है। चौहटन (Chauhtan) निवासी 58 वर्षीय शांति देवी (Shanti Devi) के ब्रेन डेड (brain dead) होने के बाद उनके परिवार ने एक ऐतिहासिक (historic) फैसला लेते हुए उनके अंगदान (organ donation) का निर्णय किया। इससे चार लोगों को नई जिंदगी (new life) मिलेगी।

शांति देवी का अंगदान: चार लोगों को मिलेगा जीवनदान

शांति देवी के परिवार ने उनकी दो किडनी (kidneys), एक हार्ट (heart), और एक लीवर (liver) दान किया है। ये अंग अब जोधपुर एम्स (Jodhpur AIIMS) में भर्ती चार मरीजों को लगाए जाएंगे, जिनकी जिंदगी (life) बदल जाएगी। शांति देवी के इस नेक काम (selfless act) की हर कोई तारीफ (praise) कर रहा है।

ब्रेन डेड होने के बाद परिवार का ऐतिहासिक फैसला

शांति देवी के दामाद ने बताया कि उन्हें उम्मीद थी कि शायद शांति देवी का ब्रेन (brain) फिर से काम करने लगे, लेकिन जब मेडिकल बोर्ड (medical board) ने ब्रेन डेड होने की पुष्टि (confirmation) की, तो परिवार ने अंगदान का फैसला लिया। उन्होंने कहा, “अगर किसी और की जान बचती है, तो यह हमारे लिए सबसे बड़ी खुशी (happiness) होगी।”

सोनी समाज (Soni community) के घेवरचंद सोनी ने बताया कि शांति देवी का पिछले एक सप्ताह से जोधपुर एम्स में इलाज (treatment) चल रहा था। ब्रेन डेड की जानकारी मिलने के बाद समाज के लोगों और परिवारजनों ने मिलकर अंगदान का फैसला लिया। यह फैसला न सिर्फ काबिल-ए-तारीफ (praiseworthy) है, बल्कि समाज में अंगदान के प्रति जागरूकता (awareness) भी बढ़ाएगा।

अंगदान के बाद शांति देवी का अंतिम संस्कार

अंगदान के बाद शांति देवी का शव (body) बाड़मेर पहुंचा, जहां उनका जगह-जगह पुष्प वर्षा (flower shower) कर स्वागत किया गया। उनके अंतिम संस्कार (last rites) चौहटन में किए जाएंगे। शांति देवी के परिवार और समाज के लोगों ने उन्हें “अमर रहें” (immortal) के नारे (slogans) लगाकर श्रद्धांजलि (tribute) दी।

अंगदान का महत्व और समाज पर प्रभाव

शांति देवी की यह कहानी न सिर्फ उनके परिवार के लिए गर्व (pride) की बात है, बल्कि यह समाज में अंगदान के प्रति जागरूकता (awareness) भी बढ़ाएगी। अंगदान एक ऐसा नेक काम (selfless act) है, जिससे किसी की जिंदगी बदल सकती है।

अंगदान के फायदे:

  • जरूरतमंदों (needy) को नई जिंदगी मिलती है।
  • समाज में मानवता (humanity) और दया (compassion) की भावना बढ़ती है।
  • मृत्यु (death) के बाद भी व्यक्ति अमर (immortal) हो जाता है।

कंक्लूजन

शांति देवी की यह कहानी न सिर्फ उनके परिवार के लिए गर्व (pride) की बात है, बल्कि यह समाज में अंगदान (organ donation) के प्रति जागरूकता (awareness) भी बढ़ाएगी। उनका यह नेक काम (selfless act) हमें यह सिखाता है कि मृत्यु (death) के बाद भी व्यक्ति अमर (immortal) हो सकता है।