21 साल की उम्र में ट्रक से एक्सीडेंट…जज्बा ऐसा की आज बनी लोगों के लिए मिसाल

परिचय- Inspirational Story– Wanshita Roy

जीवन में आने वाली कठिनाइयाँ हमें कभी-कभी ऐसा महसूस कराती हैं जैसे सब कुछ खत्म हो गया है, लेकिन हिम्मत और आत्मविश्वास से हर चुनौती का सामना किया जा सकता है। ऐसी ही एक प्रेरणादायक कहानी है कोलकाता की रहने वाली वंशिता रॉय की, जिन्होंने अपनी ज़िंदगी के सबसे कठिन पल में हार मानने के बजाय, उसे जीतने का संकल्प लिया। 

Inspirational Story- Wanshita Roy

वंशिता का जीवन बदलने वाला हादसा

वंशिता रॉय, जो मात्र 21 साल की उम्र में अपनी जिंदगी के सबसे खुशहाल दिनों को जी रही थीं, एक भयानक सड़क हादसे का शिकार हो गईं। इस हादसे में उन्होंने अपना दाहिना पैर खो दिया। दुर्घटना इतनी भयानक थी कि डॉक्टरों को लगा था कि उनका पैर बचाना नामुमकिन है, और उनका जीवन बच जाए, यही बहुत बड़ी बात होगी।

Inspirational Story- Wanshita Roy

हॉस्पिटल में जगी नई उम्मीद

जब वंशिता की आँखें अस्पताल में खुलीं, तो उन्होंने डॉक्टर्स को आपस में बात करते सुना कि उनका पैर नहीं बचाया जा सकता। उस वक्त वंशिता को महसूस हुआ कि उनकी ज़िंदगी एक पल में बदल गई है। 21 साल की उम्र में इस हादसे ने उन्हें ऐसा महसूस कराया कि उनकी ज़िंदगी समाप्त हो गई है। परिवार ने भी बहुत कठिनाईयों से इलाज और प्रोस्थेटिक लेग का खर्चा जुटाया।

सदमे से उबरने की कोशिश

हादसे के बाद जब वंशिता अस्पताल से घर लौटीं, तो सदमे से बाहर आना उनके लिए बेहद कठिन था। दोस्तों से मिलना, लोगों के फोन उठाना, सब कुछ उन्होंने बंद कर दिया था। जीवन की दिशा खोने जैसी स्थिति में थीं, लेकिन धीरे-धीरे उन्होंने खुद को संभालना शुरू किया।

नई शुरुआत: यूट्यूब और ट्यूशन से आत्मनिर्भरता की ओर

सदमे से उबरने के बाद वंशिता ने अपनी ज़िंदगी को एक नया मोड़ देने का फैसला किया। उन्होंने यूट्यूब पर व्लॉगिंग शुरू की, जहाँ वह अपने जीवन के अनुभवों को साझा करने लगीं। इस दौरान वंशिता ने बच्चों को ट्यूशन पढ़ाना भी शुरू किया ताकि वह आत्मनिर्भर बन सकें और अपनी आय का स्रोत बना सकें।

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कॉन्फिडेंस की वापसी

समय के साथ जैसे-जैसे वंशिता का आत्मविश्वास बढ़ा, उन्होंने घर से बाहर निकलना शुरू किया। दोस्तों और परिवार का साथ और लोगों का सकारात्मक रिस्पॉन्स उनके लिए एक नई ऊर्जा का स्रोत बना।

Inspirational Story- Wanshita Roy

स्वास्थ्य और खुशी का फोकस

आज वंशिता न केवल जिम जाती हैं, बल्कि वह डांस भी करती हैं। उनके लिए अब सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि वह खुश रहें और अपने आस-पास के लोगों में भी खुशी बांटें। उन्होंने अपनी ज़िंदगी के हर पल को जीना और खुशियां बांटना अपना लक्ष्य बना लिया है।

वंशिता की सोच और सीख

वंशिता कहती हैं, “ज़िंदगी में चाहे कितनी भी कठिनाइयाँ आएं, हमें कभी रुकना नहीं चाहिए। ज़िंदगी रुकने का नहीं, चलते रहने का नाम है।” उनकी इस सोच ने उन्हें ना सिर्फ़ हादसे से उबरने में मदद की, बल्कि दूसरों के लिए भी प्रेरणा बनकर उभरने का मौका दिया।

निष्कर्ष

वंशिता रॉय की कहानी हमें सिखाती है कि ज़िंदगी में आने वाली मुश्किलें हमें रोक नहीं सकतीं अगर हमारे पास दृढ़ संकल्प और आत्मविश्वास हो। उनकी कहानी उन सभी के लिए प्रेरणा है जो जीवन में कभी न कभी किसी चुनौती का सामना कर रहे हैं।

वंशिता रॉय कौन हैं?

वंशिता रॉय एक प्रेरणादायक व्यक्ति हैं, जिन्होंने 21 साल की उम्र में सड़क दुर्घटना में अपना दाहिना पैर खोने के बाद भी हिम्मत नहीं हारी और अपनी ज़िंदगी को फिर से बेहतर बनाया।

वंशिता रॉय ने अपनी आत्मनिर्भरता कैसे हासिल की? 

वंशिता ने यूट्यूब व्लॉगिंग शुरू की और बच्चों को ट्यूशन पढ़ाकर आत्मनिर्भरता हासिल की।

वंशिता की सबसे बड़ी सीख क्या है?

वंशिता का मानना है कि चाहे ज़िंदगी में कितनी भी कठिनाइयाँ आएं, हमें कभी हार नहीं माननी चाहिए और चलते रहना चाहिए।

वंशिता के इस सफर में किसने उनका साथ दिया?

वंशिता को उनके परिवार और दोस्तों का भरपूर साथ मिला, जिन्होंने हर कदम पर उनका समर्थन किया।

वंशिता ने हादसे के बाद क्या-क्या किया?

हादसे के बाद वंशिता ने यूट्यूब पर व्लॉगिंग शुरू की, ट्यूशन देने लगीं और धीरे-धीरे अपनी फिटनेस और खुशी पर ध्यान देना शुरू किया।