परिचय: विदेश में फंसे भारतीयों की मदद की कहानी
विदेश में फंसे भारतीयों की समस्याएं आजकल बहुत सामान्य हो चुकी हैं। लाखों लोग अपने सपनों को पूरा करने और पैसे कमाने के लिए हर साल विदेश जाते हैं, लेकिन कभी-कभी गलत फैसलों, गलत एजेंटों, या अनजान कानूनी जटिलताओं के कारण वे वहां फंस जाते हैं। इसी समस्या का हल निकालने के लिए एक साधारण इंसान, ‘सैयद आबिद हुसैन’, ‘रियल लाइफ बजरंगी भाईजान’ के नाम से मशहूर हो गए हैं। उन्होंने अब तक 780 से ज्यादा मजबूर लोगों को उनके घर वापस लाने में मदद की है।
विदेश में फंसे भारतीयों की चुनौतियां
कई भारतीय विदेशों में फंस जाते हैं क्योंकि वे गलत एजेंटों के चक्कर में पड़ जाते हैं या वहां कानूनी प्रक्रिया के कारण फंस जाते हैं। इनके पास न तो रहने की सही व्यवस्था होती है और न ही खाने के लिए पर्याप्त साधन। कुछ लोग जेलों में भी अपनी जिंदगी बिताने के लिए मजबूर हो जाते हैं। उनके घरवाले भारत में बेचैन होते हैं, और उनकी घर वापसी असंभव लगती है।

Syed Abid Hussain का सफर: मामूली मजदूर से समाजसेवी तक
सैयद आबिद हुसैन का जन्म उत्तर प्रदेश के आंबेडकर नगर जिले में हुआ था। वह एक साधारण मजदूर थे, जो दूसरों के घरों में मजदूरी करके अपना जीवनयापन करते थे। नवमी कक्षा में पढ़ते वक्त, उनके पिता का निधन हो गया, जिससे उन्हें अपनी पढ़ाई छोड़नी पड़ी और घर की जिम्मेदारी उठानी पड़ी। उन्होंने दिल्ली और भोपाल में मजदूरी की, पुताई और पेंटिंग का काम शुरू किया और धीरे-धीरे अपनी मेहनत से एक अच्छा नाम कमाया।
अपने पिता से मिली प्रेरणा
आबिद अपने पिता को अपना गुरु मानते हैं।, उनकी मानवता की बातें उन्हें बहुत प्रभावित करती थीं। अपने वालिद की प्रेरणा से आबिद ने सोचा कि उन्हें भी कुछ ऐसा करना चाहिए जो मानवता के लिए मिसाल बने। यह उनके जीवन का अहम मोड़ साबित हुआ।
‘गीता’ की घर वापसी से प्रेरित एक नई मुहिम
2016 में ‘गीता’ की घर वापसी की खबर ने आबिद के मन में एक नया विचार जगाया। गीता, जो कि एक भारतीय लड़की थी, विदेश से वापस लाई गई थी। इससे प्रेरित होकर आबिद ने सोचा कि शायद और भी लोग विदेशों में फंसे हुए होंगे जिन्हें घर वापसी की जरूरत है। उन्होंने इस दिशा में काम करना शुरू किया।

रमजान की कहानी: पहला बड़ा कदम
आबिद का पहला बड़ा कदम तब सामने आया जब उन्होंने ‘रमजान’ नाम के एक बांग्लादेशी बच्चे की मदद की, जो गलती से पाकिस्तान में फंस गया था। आबिद ने सोशल मीडिया के माध्यम से मुहिम चलाई, और यह सरकार और मीडिया तक पहुंची। उनकी कोशिशों से रमजान की घर वापसी सफल हो सकी। यह घटना आबिद के लिए एक बड़ा मोड़ साबित हुई और उन्होंने महसूस किया कि यह काम उनकी जिंदगी का मकसद हो सकता है।

सभी के लिए एक उम्मीद: आबिद की सोशल मीडिया मुहिम
सोशल मीडिया के जरिए आबिद ने कई और लोगों की मदद की। उन्होंने उन लोगों की खोज की जो विदेशों में फंसे हुए थे और उनके परिवारों से संपर्क किया। इसके बाद उन्होंने सोशल मीडिया पर मुहिम चलाई और सरकार के सहयोग से इन लोगों की घर वापसी सुनिश्चित की।
पाकिस्तान से फंसे बच्चे की वापसी
एक और महत्वपूर्ण मामला तब सामने आया जब एक लड़का गलती से पाकिस्तान चला गया और उसे करांची की जेल में डाल दिया गया। आबिद ने बच्चे के परिवार से संपर्क किया और सोशल मीडिया पर एक बड़ी मुहिम चलाई। उनकी इस मुहिम ने भारतीय और पाकिस्तानी सरकारों को साथ लाने का काम किया और अंततः बच्चे को वापस भारत लाया गया। यह एक और बड़ी सफलता थी जिसने आबिद को ‘रियल बजरंगी भाईजान’ का खिताब दिलाया।

आगे का सफर: मानवता की सेवा में समर्पित
इसके बाद, आबिद ने अपनी पूरी जिंदगी इस मुहिम को समर्पित कर दी। अब वह सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों की मदद कर रहे हैं। उन्हें रोजाना 4-5 कॉल्स मिलते हैं, और वह हर संभव प्रयास करते हैं कि जो भी लोग विदेशों में फंसे हैं, उन्हें सही कानूनी प्रक्रिया से अपने वतन वापस लाया जा सके।
सरकारी मदद और आबिद का मिशन
आबिद की इस मुहिम में भारतीय सरकार का भी बड़ा सहयोग रहा है। सरकारी सहयोग से यह काम करना थोड़ा आसान हो जाता है, और आबिद इसके लिए सरकार के आभारी हैं। लेकिन उनका मिशन अभी खत्म नहीं हुआ है। वह लगातार नए तरीकों से लोगों की मदद कर रहे हैं और उनकी जिंदगी को वापस पटरी पर लाने का काम कर रहे हैं।

शिक्षा की ओर कदम: आईटीआई कॉलेज खोलने की योजना
अब जब आबिद ने अपनी पढ़ाई पूरी कर ली है, उनका अगला कदम शिक्षा के क्षेत्र में है। उन्होंने सोचा कि जो लोग विदेश जाना चाहते हैं, उनकी सही तरीके से तैयारी होनी चाहिए। इसके लिए वह एक ITI कॉलेज खोलने की योजना बना रहे हैं, जहां वह युवाओं को प्रशिक्षण देकर सही दिशा में आगे बढ़ने में मदद करेंगे।
समाज के लिए एक संदेश: मानवता सबसे बड़ा धर्म
आबिद का मानना है कि अगर जिंदगी में कुछ भी मिला है, चाहे वह शिक्षा हो या अनुभव, उसे बांटना चाहिए। उनका संदेश है कि हार मत मानो, चाहे हालात कैसे भी हों। मानवता सबसे बड़ा धर्म है, और यही वह मार्ग है जो उन्हें उनकी मंजिल तक पहुंचाएगा।

निष्कर्ष: रियल लाइफ बजरंगी भाईजान की प्रेरणा
आबिद आबिद हुसैन की कहानी एक प्रेरणादायक उदाहरण है कि कैसे एक साधारण इंसान भी अपनी मेहनत और संकल्प से बड़ी-बड़ी समस्याओं को हल कर सकता है। उन्होंने यह साबित कर दिया कि मानवता की सेवा ही सबसे बड़ी सेवा है। उनकी मुहिम ने न सिर्फ लोगों को घर वापस लाने में मदद की, बल्कि समाज में एक नई उम्मीद भी जगाई है।
सैयद आबिद हुसैन कौन हैं?
सैयद आबिद हुसैन उत्तर प्रदेश के आंबेडकर नगर के रहने वाले एक समाजसेवी हैं, जिन्होंने विदेशों में फंसे लोगों की मदद करके उन्हें वापस उनके घर लाने का काम किया है।
सैयद आबिद हुसैन को ‘रियल बजरंगी भाईजान’ क्यों कहा जाता है?
सैयद आबिद हुसैन ने कई लोगों की घर वापसी करवाई है, जिनमें से कुछ ऐसे मामले थे जो ‘बजरंगी भाईजान’ फिल्म की तरह थे, इसलिए उन्हें यह नाम दिया गया।
सैयद आबिद हुसैन ने कितने लोगों की मदद की है?
अब तक सैयद आबिद हुसैन ने 780 से अधिक लोगों की मदद की है और उनकी घर वापसी सुनिश्चित की है।
सैयद आबिद हुसैन की मुहिम कैसे शुरू हुई?
सैयद आबिद हुसैन की मुहिम 2016 में गीता की घर वापसी से प्रेरित होकर शुरू हुई थी, जिसके बाद उन्होंने रमजान नाम के बच्चे की मदद की और तब से इस दिशा में काम कर रहे हैं।
सैयद आबिद हुसैन का भविष्य का लक्ष्य क्या है?
सैयद आबिद हुसैन का अगला लक्ष्य एक ITI कॉलेज खोलना है, जहां वह युवाओं को प्रशिक्षण देंगे ताकि वे विदेश जाने से पहले सही तैयारी कर सकें।