कानपुर के एक शख्स ने साइबर ठग को ही ठग लिया! यह कहानी है भूपेंद्र सिंह की, जिन्होंने एक साइबर ठग को उसी की चाल में फंसाकर उसे ठगी का शिकार बना दिया। यह घटना न केवल रोमांचक है बल्कि यह साबित करती है कि सतर्कता और समझदारी से किसी भी धोखेबाज को मात दी जा सकती है।
घटना की शुरुआत
6 मार्च को भूपेंद्र सिंह के पास एक फोन आया। कॉल करने वाला व्यक्ति खुद को सीबीआई अधिकारी बता रहा था। उसने भूपेंद्र को डराने की कोशिश की और कहा कि उनके खिलाफ एक मुकदमा दर्ज हुआ है और उनकी निजी वीडियो वायरल हो गई है। भूपेंद्र ने तुरंत समझ लिया कि यह एक साइबर ठग है और उसने उसे उल्टा फंसाने की योजना बनाई।
भूपेंद्र की चाल
भूपेंद्र ने ठग को बताया कि वह एक 10वीं कक्षा का छात्र है और उसके पास पैसे नहीं हैं। उसने ठग से कहा कि उसकी मां की एक सोने की चेन गिरवी रखी हुई है और उसे छुड़ाने के लिए पैसे चाहिए। ठग लालच में आ गया और उसने भूपेंद्र को 9000 रुपये भेज दिए।
ठग का फंसना
भूपेंद्र ने ठग को और भी पैसे भेजने के लिए मजबूर किया। उसने ठग से कहा कि चेन छुड़ाने के लिए और पैसे चाहिए। ठग ने भूपेंद्र को कुल 9500 रुपये भेज दिए। भूपेंद्र ने ठग को यह विश्वास दिलाया कि वह चेन छुड़ाकर उसे पैसे वापस कर देगा, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया।
पुलिस को सूचना
भूपेंद्र ने इस पूरे मामले की जानकारी कानपुर पुलिस को दी। उन्होंने कहा कि वह योगी सरकार और कानपुर पुलिस पर भरोसा करते हैं कि वह ऐसे साइबर ठगों को पकड़ेगी।
सतर्कता का संदेश
भूपेंद्र की यह कहानी हर किसी के लिए एक सबक है। उन्होंने साबित किया कि सतर्कता और समझदारी से किसी भी धोखेबाज को मात दी जा सकती है। उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे साइबर ठगी के प्रति सजग रहें और किसी भी संदिग्ध कॉल या संदेश पर तुरंत पुलिस को सूचित करें।
साइबर सुरक्षा उत्पाद
अगर आप भी साइबर ठगी से बचना चाहते हैं, तो यहां कुछ बेस्ट साइबर सुरक्षा उत्पादों के लिंक दिए गए हैं:
Conclusion
भूपेंद्र सिंह की यह कहानी न केवल रोमांचक है बल्कि यह साबित करती है कि सतर्कता और समझदारी से किसी भी धोखेबाज को मात दी जा सकती है। उन्होंने साइबर ठग को उल्टा फंसाकर एक मिसाल कायम की है।
Affiliate Links:
इस आर्टिकल को शेयर करें और अपने विचार कमेंट में बताएं!