YOGA GIRL VANYA SHARMA

दिल्ली के पीतमपुरा की 6 साल की बच्ची वान्या शर्मा ने योगा में कुछ ऐसा कमाल कर दिखाया है, जिसे सुनकर ही लोगों के रोंगटे खड़े हो जाते हैं। छोटी सी उम्र में उन्होंने योग की दुनिया में इतना नाम कमा लिया है कि बड़े-बड़े दिग्गज उनके फैन हो गए हैं। वान्या को आज सभी “योगा गर्ल” के नाम से जानते हैं। उनके योग के मूव्स और रिकॉर्ड्स को देखकर हर कोई हैरान रह जाता है।
वान्या शर्मा का सफर: 2 साल की उम्र से योग की शुरुआत

वान्या ने योग करना महज 2 साल की उम्र में ही शुरू कर दिया था। उनके पिता हेमंत शर्मा जो खुद एक योगा टीचर हैं, उन्होंने वान्या को प्रेरित किया। कोरोना के समय जब हेमंत शर्मा अपने घर से ही ऑनलाइन योग क्लासेज लेते थे, तब नन्हीं वान्या भी उनके साथ योग करने लगी। धीरे-धीरे वान्या का योग में रुझान बढ़ता गया, और जल्द ही वह कठिन से कठिन आसनों को आसानी से करने लगीं। आज वान्या 50 से भी अधिक योगासन कर सकती हैं, और वे सिर्फ खुद ही नहीं बल्कि दूसरों को भी सिखाती हैं।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान: रिकॉर्ड्स की झड़ी

वान्या ने अपनी योग प्रतिभा से 10 से ज्यादा विश्व रिकॉर्ड बना डाले हैं। इनमें इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, योगा बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, और यूनिवर्सल बुक ऑफ रिकॉर्ड्स जैसे बड़े नाम शामिल हैं। आयुष मंत्रालय ने भी वान्या को सबसे छोटी योगिनी का खिताब दिया है। इन सभी उपलब्धियों के साथ वान्या ने न केवल देश बल्कि विदेशों में भी अपनी पहचान बनाई है।
योगा की लोकप्रियता में योगदान (YOGA GIRL VANYA SHARMA)

वान्या के योग के प्रति इस अद्वितीय जुनून ने योग को बच्चों में और भी अधिक लोकप्रिय बना दिया है। छोटी उम्र में इतनी बड़ी सफलता देखकर अन्य बच्चे और उनके माता-पिता भी योग के प्रति आकर्षित हो रहे हैं। वान्या ने यह साबित कर दिया कि यदि समर्पण और मेहनत हो, तो उम्र चाहे जो भी हो, इंसान अपने सपनों को हकीकत बना सकता है।
प्रसिद्ध हस्तियों से मिला सम्मान

वान्या की योग प्रतिभा को देखकर कई मशहूर हस्तियों ने उन्हें सम्मानित किया है। इनमें स्वामी रामदेव, आचार्य बालकृष्ण, डॉ. किरण बेदी, कैलाश सत्यार्थी, अमीषा पटेल, और राकेश बेदी जैसे नामी लोग शामिल हैं। राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में वान्या ने अपने हुनर का प्रदर्शन कर सबको चौंका दिया। उनके योगासन और मंत्रोच्चारण ने सभी को मोहित कर दिया था। स्वामी रामदेव ने भी वान्या को सम्मानित करते हुए उनकी कड़ी मेहनत की सराहना की।
कल्कि फोंडेशन ट्रस्ट की ब्रांड अंबेसडर

दिनांक 22 सितंबर 2024, ऋषिकुल योगपीठ द्वारा आयोजित कार्यक्रम NATUROCON-2024, राजधानी दिल्ली के लाजपत भवन ऑडिटोरियम में वान्या शर्मा योग रत्न सम्मान से सम्मानित हुई। स्वामी रामदेव,आचार्य बालकृष्ण, स्वामी चिदानंद सरस्वती,श्री कैलाश सत्यार्थी, सोनू सूद,अमीशा पटेल,डॉ किरण बेदी,राकेश बेदी ने इन्हें सम्मान दिया है। वान्या शर्मा एसडी पब्लिक स्कूल पीतमपुरा में अभी पहली में पढ़ती हैं और वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जाकर लोगों को योग सिखा चुकी हैं। मौजूदा समय वह कल्कि फोंडेशन ट्रस्ट की ब्रांड अंबेसडर हैं।
योगा में महिलाओं की सशक्त भूमिका

वान्या के लिए योग केवल शारीरिक व्यायाम नहीं है, बल्कि यह उनके आत्मविश्वास और मानसिक स्थिरता का भी स्रोत है। वान्या का मानना है कि योग महिलाओं के लिए एक सशक्त साधन है, जो उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत बनाता है। महिलाओं के लिए योगा कक्षाएं एक ऐसा मंच प्रदान करती हैं, जो उन्हें आत्मनिर्भरता और आत्मविश्वास की ओर प्रेरित करता है।
हेमंत शर्मा से मिली प्रेरणा: योग का पारिवारिक संस्कार

वान्या के पिता हेमंत शर्मा ने ही उन्हें योग की ओर प्रेरित किया। हेमंत शर्मा खुद भी एक अनुभवी योग प्रशिक्षक हैं और वह 2002 से दिल्ली के सनातन धर्म पब्लिक स्कूल में योगा सिखा रहे हैं। उन्होंने अपनी बेटी को योग की शिक्षा बचपन से ही दी। हेमंत शर्मा का मानना है कि योग से व्यक्ति न केवल शारीरिक रूप से बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक रूप से भी मजबूत बनता है।
महत्वपूर्ण योग उपलब्धियां: सम्मान और रिकॉर्ड्स की फेहरिस्त

वान्या को कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सम्मान मिल चुके हैं। इनमें राइट च्वाइस अवार्ड 2022, एमजीए अवार्ड 2022, योग वीर सम्मान 2022, डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन शिक्षा सम्मान 2022, इंटरनेशनल सोशल ऑनरेबल अवार्ड 2022, नेशनल चाइल्ड अवार्ड 2022 और राष्ट्रीय रत्न सम्मान 2022 शामिल हैं।
वान्या के सम्मान में भारत रत्न डॉ एपीजे अब्दुल कलाम अवार्ड 2022 और शबरी सम्मान 2023 भी मिल चुके हैं। वान्या की लिस्ट में 2023 में ग्लोबल फेम अवार्ड 2023, इंटरनेशनल योगिनी अवार्ड 2023, राइट चॉइस अवार्ड 2023,शहीद भगत सिंह नोबल अवार्ड 2024 भी शामिल हैं।
इसके अलावा, वान्या ने गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, इंटरनेशनल बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी अपने नाम दर्ज कर लिया है।
वान्या का विशेष योगदान: योग से लोगों को जोड़ने का मिशन

वान्या ने सिर्फ खुद को ही योग तक सीमित नहीं रखा बल्कि दूसरों को भी इसे सीखने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कई बार अपने योग शिक्षक पिता के साथ विभिन्न आयोजनों में दिव्यांग बच्चों को भी योग सिखाया है। इन छोटे-छोटे प्रयासों से वान्या समाज में एक सकारात्मक संदेश दे रही हैं। वह अब मिशन योगा फॉर हेल्दी हार्ट की ब्रांड एंबेसडर भी हैं, जिसका उद्देश्य स्वस्थ हृदय के लिए योग को बढ़ावा देना है।
निष्कर्ष
वान्या शर्मा का सफर इस बात का जीता जागता उदाहरण है कि उम्र चाहे कितनी भी हो, असल बात होती है जुनून और कड़ी मेहनत। उन्होंने अपनी छोटी उम्र में इतने रिकॉर्ड्स और सम्मान हासिल करके साबित कर दिया है कि अगर मन में सच्चा इरादा हो, तो कोई भी लक्ष्य कठिन नहीं होता। उनकी योग प्रतिभा न केवल प्रेरणादायक है बल्कि इसने समाज में भी एक सकारात्मक संदेश दिया है। वान्या जैसी बच्ची निस्संदेह देश की शान हैं और उनकी कहानी हमें बताती है कि बड़ी सोच और सच्चे इरादे से छोटी उम्र में भी बड़े काम किए जा सकते हैं।
FAQs
वान्या शर्मा ने कितनी उम्र में योगा करना शुरू किया?
वान्या शर्मा ने महज 2 साल की उम्र में योगा करना शुरू कर दिया था।
वान्या को कौन-कौन से सम्मान मिले हैं?
वान्या को राइट च्वाइस अवार्ड, एमजीए अवार्ड, योग वीर सम्मान और कई अन्य राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय अवार्ड मिले हैं।
वान्या के योग गुरू कौन हैं?
वान्या के योग गुरू उनके पिता हेमंत शर्मा हैं, जो खुद एक अनुभवी योग प्रशिक्षक हैं।
वान्या शर्मा किस स्कूल में पढ़ती हैं?
वान्या दिल्ली के सनातन धर्म पब्लिक स्कूल, पीतमपुरा में पढ़ती हैं।
वान्या का योग के क्षेत्र में योगदान क्या है?
वान्या ने मिशन योगा फॉर हेल्दी हार्ट के लिए ब्रांड एंबेसडर के रूप में कार्य किया है और दिव्यांग बच्चों को योग सिखाने में भी सहयोग दिया है।