18 साल की नीलम भारद्वाज ने झुग्गी झोपड़ी में अपना बचपन गुज़ारा। उनके पिता मजदूरी करके घर चलाया करते थे, जो इस दुनिया से जा चुके थे। पिता को खोने के बाद भी नीलम ने हिम्मत नहीं हारी, नीलम भारद्वाज ने 18 साल की उम्र में रचा इतिहास और बनी लिस्ट ‘ए’ में दोहरा शतक लगाने वाली सबसे कम उम्र की भारतीय महिला
नीलम का जीवन परिचय

उत्तराखंड के रामनगर रेलवे स्टेशन के पास एक बस्ती में गरीबी में पली बढ़ी नीलम, कई चुनौतियों को हराकर आज इस मुकाम तक पहुंची है। उनका और उनके परिवार का जीवन अत्यंत गरीबी से गुजरा। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि नीलम ने कितनी मुश्किलों का सामना करके यह उपलब्धि हासिल की होगी और उनके लिए यह उपलब्धि कितनी खास होगी।
नीलम के पिता नरेश भारद्वाज दिहाड़ी मजदूरी कर घर चलाते थे। 2020 में काम करते हुए एक दुर्घटना में उनकी मृत्यु हो गई और परिवार का सबसे बड़ा सहारा खो गया
नीलम की जिंदगी के संघर्ष
पिता की मृत्यु के बाद अब आय का कोई जरिया नहीं था। तब नीलम की मां पुष्पा देवी के ऊपर परिवार की पूरी जिम्मेदारी आ गई। उनकी मां ने लोगों के घर-घर जाकर काम करना शुरू किया और न सिर्फ नीलम की परवरिश की बल्कि उनके सपनों को भी मनोबल देती रही।
नीलम के Mentor
मोहम्मद इसरार अंसारी जिन्होंने नीलम को आगे बढ़ाया और उनके इस सफर में अहम भूमिका निभाई। एक छोटी सी बच्ची के टैलेंट को पहचानते हुए मोहम्मद इसरार अंसारी ने शुरुआत में नीलम के खेल का पूरा खर्च उठाया, ताकि वह आर्थिक दिक्कतों को भूल कर अपने गेम पर फोकस कर सके। नीलम की उम्र केवल 12 साल की थी जब वह अपने Under 19 ट्रायल्स में select हुई और टीम का हिस्सा बन गई।
नीलम की सफलता
नीलम भारद्वाज की यह सफलता आज केवल उनकी सफलता नहीं है बल्कि उन्हें सपोर्ट करने वाले हर उस शख्स की है जिन्होंने उन्हें हर कदम पर उनका साथ दिया। उनकी इस सफलता को देखते हुए हमें यकीन है कि अपने जज्बे और मेहनत से यह युवा खिलाड़ी एक न एक दिन देश का खूब नाम रोशन करेंगी।
नीलम भारद्वाज लिस्ट ए क्रिकेट में दोहरा शतक लगाया । उन्होंने सिर्फ 137 गेंदों पर नाबाद 202 रन बनाए और अपनी टीम को सीनियर महिला ट्रॉफी में अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में नागालैंड पर 259 रन से जीत दिलाने में मदद की।
नीलम की सनसनीखेज पारी में 27 चौके और दो छक्के शामिल थे, जिसने उत्तराखंड के लिए 50 ओवर में 371/2 रन बनाने का रास्ता दिखाया।
नीलम की कहानी से सीख
नीलम भारद्वाज की इस सफलता से हमको यह सीख मिलती है की जीवन में कितनी भी मुश्किलें आए हमको उन मुश्किलों का सामना करके अपने लक्ष्य की ओर आगे बढ़ते रहना चाहिए।